विगत कई वर्षों से हम अखबारों में हजारों करोड के धोटाले, छल कंपनियों का जाल, टैक्स चोरी और तमाम तरह के भ्रष्टाचार की खबरें पढ़ते आ रहे है।
क्या हमारा देश ऐसे ही चलेगा ? ऐसे ही होता रहेगा भ्रष्टाचार हमारे देश में क्या हम
यही देकर जायेंगे अपने आने वाली पीढ़ियों को विरासत में? हमारे महान देश की संतति का विनाश क्या आज के हमारे किये गये भ्रष्टाचार के कारण ही होगा ? ऐसा कहने के पीछे का कारण यह है कि भारत में भ्रष्टाचार का वंशवाद एक विशाल चुनौती का रूप लेता जा रहा है।
जो बीते दशकों में धीरे-धीरे बढ़ते हुए अब देश के सामने एक विकराल रूप ले चुकी है। भ्रष्टाचार का वंशवाद यानी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर हुआ भ्रष्टाचार। जब भ्रष्टाचार करने वाली एक पीढ़ी को सही सजा नही मिलती तो दूसरी पीढी और ज्यादा ताकत से भ्रष्टाचार करती है। उसे प्रत्यक्ष दिखता है कि हमारे घर के फलॉ सदस्य ने भ्रष्टाचार किया करोड़ों रूपये गलत तरीके से कमाये और उसे कुछ नही हुआ या थोड़ी सी सजा पाके वह छूट गया तो उसका हौसला और बढ़ जाता है वास्तव में भ्रष्टाचार उसे नैतिक रूप से गलत लगना ही बंद हो जाता है और यदि घर की पहली पीढ़ी लाखों का भ्रष्टाचार करती थी तो दूसरी पीढ़ी करोड़ो में करना शुरू कर देती है। हमारे देश के कुछ राजनैतिक परिवारों में इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हमको आसानी से मिल जायेगा परन्तु अगर आप अपने आस पास एक नजर डालेगें तो आपको अनगिनत उदाहरण मिल जायेगें जहाँ बेटा भ्रष्टाचार के मामले मे पिता से चार कदम आगे निकला, यह है भ्रष्टाचार का वंशवाद और उसकी भयावहता, जो दबे पॉव जन-जन में घर कर रही है और देश को दीमक की तरह चाटते हुए अंदर ही अंदर खोखला कर रही है। बड़े राजनैतिक परिवारों का भ्रष्टाचार तो मीडिया की सुर्खियाँ बनता है और उस पर हम अपनी तीखी प्रतिक्रिया भी देते है पर भ्रष्टाचार का जो घुन हमारे आपके घरों में बहुत छोटे स्तर पर लग रहा है या लग चुका है उसकी भी परिणति कुछ कम भयावह नही होने वाली, अपने छोटे-मोटे काम को करा लेने के लिए घूस देना या लेना हमें भ्रष्टाचार नही लगता फिर चाहे वो पेंशन के कागज बनवाना हो, स्कालरशिप लेना हो, एडमिशन लेना हो, बिजली बिल संशोधित कराना हो, बैंक लोन पास करवाना हो, पासपोर्ट बनवाना हो या अपनी नई दुकान या नई कंपनी खोलनी हो। पर ध्यान देने योग्य ये है कि आपकी अगली पीढ़ी चुपचाप ये सब देख रही है और इसे नैतिक रूप से सही समझ रही है।
यानी परिवार का महती योगदान है अगली पीढ़ी को चुपचाप भ्रष्ट बनाने में तो रूके और सोचे कि आप का परिवार भी तो नही भगीदार बन रहा इसमें और यदि ऐसा हैतो तुरन्त संभलने की जरूरत है क्योकि गंदगी लग जाये फिर उसे साफ करो इससे अच्छा है कि गंदगी लगने ही न दिया जाये।
पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला ये भ्रष्टाचार का वंशवाद देश को दीमक की तरह खोखला
कर सकता है। भ्रष्टाचार के खिलाफ एक भी केस में ढिलाई चाहे वो कितने ही छोटेस्तर का भ्रष्टाचार हो ,सिर्फ उसी केस तक सीमित नहीं रहती वो एक चेन बनाती है नीवं बनाती है भविष्य के भ्रष्टाचार के लिए भविष्य के घोटालों के लिए जब उचित कार्यवाही नही होती तो समाज मे भ्रष्टाचार को अपराध का दर्जा मिलना कम हो जाता है ये स्थिति देश के विकास में बहुत बड़ी बाधा है। ये समृद्ध भारत के सामने आत्मनिर्भर भारत के सामने बहुत बड़ी
रूकावट है।

Preventive Vigilance is always better than punitive Vigilance.
स्थिति को बदलने का दायित्व सिर्फ सरकार पर नही हम सभी पर भी है। क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान एक दिन या एक सप्ताह की जंग नहीं है। यह लडाई लम्बी है और हर एक भारतीय परिवार इसका एक योद्धा है । भारत बनाम भ्रष्टाचार की लड़ाई में परिवार के योगदान से बड़ा किसी का योगदान हो ही नही सकता ।